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महाकाल दर्शन के बाद मां हुईं लापता, उज्जैन पुलिस की फुर्ती से बिछड़ी मां-बेटियां फिर हुईं एक; रेलवे स्टेशन पर मिली भूखी-प्यासी!
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
महाकाल दर्शन के लिए उज्जैन पहुंची अनूपपुर जिले के वेंकट नगर की 65 वर्षीय महिला भगवनिया केवट सोमवार को मंदिर परिसर में अपनी बेटियों से बिछड़ गईं। यह मामूली दिखने वाली घटना उस समय एक भावुक और तनावपूर्ण मोड़ पर पहुंच गई, जब वृद्धा अपनी बेटियों को ढूंढती हुई रेलवे स्टेशन तक पहुंच गई और दोनों बेटियां मां को खोजते-खोजते रोती हुई महाकाल थाने पहुंचीं।
दरअसल, भगवनिया अपनी दो बेटियों दुर्गा और कुसुम के साथ उज्जैन आई थीं और दोपहर 2:30 बजे के करीब दर्शन के बाद दुर्गा ने अपनी मां को मंदिर के बाहर एक दुकान के पास बैठाया और मोबाइल लेने चली गई। लेकिन जब एक घंटे बाद वह लौटी, तो मां वहां नहीं थीं। मां के लापता होने की खबर से घबराई दोनों बहनों ने मंदिर क्षेत्र में कई जगह तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। घबराहट और डर के बीच दोनों बहनें रोते हुए महाकाल थाने पहुंचीं और पुलिस से मदद की गुहार लगाई।
महाकाल थाने के एसआई चंद्रभान सिंह चौहान ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल खोजबीन शुरू कर दी। उन्होंने खुद मोटरसाइकिल से इलाके में दौड़ लगाई, सीसीटीवी फुटेज खंगाले और लाउडस्पीकर से कई बार अनाउंसमेंट करवाए। तमाम कोशिशों के बाद पुलिस को भगवनिया रेलवे स्टेशन पर बैठी हुई मिलीं।
पूछताछ में वृद्धा ने बताया कि जब बेटियां बहुत देर तक नहीं लौटीं, तो उन्होंने सोचा कि शायद वे सीधे स्टेशन चली गई होंगी, इसलिए वह खुद भी स्टेशन पहुंच गईं। इस दौरान वह दिनभर भूखी-प्यासी रहीं। पुलिस ने तीनों मां-बेटियों को महाकाल अन्न क्षेत्र में भोजन कराया और फिर सुरक्षित रूप से जावरा के लिए रवाना किया।
अपनी मां से मिलते ही दुर्गा और कुसुम की आंखों से आंसू झरने लगे। उन्होंने पुलिस का आभार जताते हुए कहा कि अगर समय पर मदद नहीं मिलती तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था।